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कैसे साहित्यकार बन गया गया बन हूँ नेता बदल अब गांव और मैं कवि अंगारों की नदी बन ये छल मेरा बहता गया... मेरा जीवन ही सवर गया अब तेरी कोइ अकेले थे हम

Hindi अब बन गया यार Poems